अफगानिस्तान हथियाने के बाद अब तालिबानी बनाएंगे नई फौज, पूर्व सैनिकों और पायलटों से कर रहे संपर्क
तालिबानियों के पास एक भी पायलट नहीं, पुरानों से फोर्स जॉइन करने की अपील
तालिबान में हर दिन कुछ न कुछ नए अपडेट्स सुनाई दे रहे हैं. अब नया अपडेट ये है कि जिस तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्ज़ा जमाया है वह अपनी नई फौज तैयार करने की दिशा में काम कर रहा है. इसके लिए उसने पूर्व में उनकी फौज का हिस्सा रहे सैनिकों समेत खास पायलटों से जुड़ने की अपील की है.
जिन्हें निशाना बनाया उनसे अपील
समाचार एजेंसी रॉयटर्स को दिए एक इंटरव्यू में तालिबान के निर्णायक मंडल में शामिल वहीदुल्लाह हाशमी ने बताया कि तालिबान अपनी नई फौज तैयार करने के लिए पूर्व सौनिकों और पायलटों तक पहुंचने की कोशिश कर रहा है. लेकिन ये देखना काफी दिलचस्प होगा कि तालिबान की इस सैन्य भर्ती प्रक्रिया में हिस्सा कौन लेता है. क्योंकि पिछले 20 वर्षों में तालिबान विद्रोहियों ने हजारों सैनिक मारे गए हैं, और हाल ही में समूह ने US से ट्रेनिंग लेनेवाले अफगान पायलटों को निशाना बना भी चुके हैं.
सत्तारूढ़ परिषद का शासन
हाशिमी ने जिस सत्ता ढांचे की रूपरेखा तैयार की थी, वह उसी तरह से समानताएं रखता है जिस तरह से अफगानिस्तान को पिछली बार 1996 से 2001 तक तालिबान के सत्ता में आने पर चलाया गया था. रॉयटर्स के मुताबिक अफगानिस्तान को अब एक सत्तारूढ़ परिषद द्वारा शासित किया जा सकता है. वहीं इस्लामी आतंकवादी आंदोलन के सर्वोच्च नेता, हैबतुल्लाह अखुंदजादा, संभवतः सारी चीजों के प्रभारी बने रहेंगे.
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नए फौजियों के साथ पुरानों की तलाश
अफगान सरकार को उखाड़ फैकनेवाले अभी के सैनिकों और पायलटों की भर्ती पर, हाशिमी ने कहा कि तालिबान ने एक नया नेशनल फोर्स बनाने की योजना बनाई है, जिसमें उसके अपने सदस्य और साथ ही शामिल होने के इच्छुक सरकारी सैनिक भी शामिल हो सकेंगे. हाशमी बताते हैं कि उनमें से अधिकांश ने तुर्की और जर्मनी के अलावा इंग्लैंड में भी ट्रेनिंग ली है. इसलिए हम उनसे उनके पोजिशन में वापस आने के लिए बात करेंगे.
सबसे ज्यादा पायलट चाहिए
पिछली सरकार के सैनिकों के लिए वे कहते हैं कि नई फौज में जरूर बदलाव देखने में आएगा, लेकिन फिर भी हम उनसे शामिल होने की अपील करेंगे. हाशमी कहते हैं कि उन्हें अपनी फौज में खास तौर से पायलटों की जरूरत है, क्योंकि उनके पास एक भी पायलट नहीं है. उन्होंने बताया कि उन्होंने अमेरिकी फौज को हटाने की घोषणा होने के बाद शुरू हुए संघर्ष के दौरान कई एयरफील्ड्स, एयरक्राफ्ट्स और हेलिकॉप्टर्स को अपने कब्जे में लिया है. हाशमी कहते हैं कि उन्होंने कई पायलटों से संपर्क भी किया है. उन्हें अपने भाइयों, अपनी सरकार के साथ जुड़ने की अपील की है. वे कहते हैं कि वे उनके संपर्क में हैं और दूसरों की खोज कर रहे हैं.
एयरक्राफ्ट और हेलिकॉप्टर लौटाने की अपील
यही नहीं हाशमी ने उन पड़ोसी देशों से उन एयरक्राफ्ट्स और हेलिकॉप्टर्स को लौटाने की अपील की है जिन्हें हफ्ते भर के भीतर पायलट लेकर तो गए लेकिन वहां से उन्हें वापस लेकर नहीं लौटे. उजबेकिस्तान गए ऐसे ही 24 हेलिकॉप्टर्स, और 22 मिल्ट्री प्लेन की बाकायदा एक सूची का भी हवाला उन्होंने इस इंटरव्यू के दौरान दिया.
07:30 PM IST